क्या आप जानते हैं कि क्रेडिट कार्ड पर कई तरह के छुपे हुए चार्जेज भी रहते हैं या इनकी सुविधाओं के लिए आपसे लिए जाते हैं तो इनको जानना आपके लिए बहुत जरूरी है..
नई दिल्लीः तेजी से बदल रहे दौर में डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड ऐसे माध्यम हैं जिनसे आजकल लोगों का वास्ता दिन में कई बार पड़ता है. क्रेडिट कार्ड से आपको ये सहूलियत मिलती है कि शॉपिंग के बाद आपके बैंक खाते से तुरंत पैसा नहीं कटता है बल्कि उस समय ये पैसा बैंक देता है और बाद में आपको क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करना पड़ता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रेडिट कार्ड पर कई तरह के छुपे हुए चार्जेज भी रहते हैं या इनकी सुविधाओं के लिए आपसे लिए जाते हैं तो इनको जानना आपके लिए बहुत जरूरी है.
1. समय से बिल पे नहीं करने पर देने पड़ती है भारी पेनल्टी
अगर आप समय से क्रेडिट कार्ड का मंथली बिल पे नहीं करते हैं तो आपको जानकर हैरानी होगी कि आपको 10 फीसदी से लेकर 20-22 फीसदी तक ब्याज पेनल्टी के रूप में देना पड़ सकता है. अलग-अलग बैंकों की पेनल्टी अलग अलग होती है लेकिन आपके लिए यही सबसे सही होगा कि हर महीने अपने क्रेडिट कार्ड के बिल को देखते रहें और समय से इसका पेमेंट कर दें.
अगर आप समय से क्रेडिट कार्ड का मंथली बिल पे नहीं करते हैं तो आपको जानकर हैरानी होगी कि आपको 10 फीसदी से लेकर 20-22 फीसदी तक ब्याज पेनल्टी के रूप में देना पड़ सकता है. अलग-अलग बैंकों की पेनल्टी अलग अलग होती है लेकिन आपके लिए यही सबसे सही होगा कि हर महीने अपने क्रेडिट कार्ड के बिल को देखते रहें और समय से इसका पेमेंट कर दें.
2. सिर्फ मिनिमम अमाउंट पे न करें
क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में मिनिमम अमाउंट पे का ऑप्शन दिया होता है और आप हर महीने मिनिमम अमाउंट अदा करके सोचते हैं कि आपने बिल तो पे कर ही दिया है लेकिन आपको ये नहीं पता होता कि आपके बचे हुए अमाउंट पर पेनल्टी लगती रहती है और इस पर हर महीने ब्याज पर ब्याज जुड़ता रहता है. इसी तरह जब बिल कुल मिलाकर आपकी क्रेडिट लिमिट तक पहुंच जाता है तो बैंक आपको इसकी सूचना देता है. इस तरह अगर आपकी क्रेडिट लिमिट पहुंचने तक आपने बिल पे नहीं किया तो भी बैंक आपको सूचना नहीं देते और छुपे हुए चार्ज वसूल करते रहते हैं.
क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में मिनिमम अमाउंट पे का ऑप्शन दिया होता है और आप हर महीने मिनिमम अमाउंट अदा करके सोचते हैं कि आपने बिल तो पे कर ही दिया है लेकिन आपको ये नहीं पता होता कि आपके बचे हुए अमाउंट पर पेनल्टी लगती रहती है और इस पर हर महीने ब्याज पर ब्याज जुड़ता रहता है. इसी तरह जब बिल कुल मिलाकर आपकी क्रेडिट लिमिट तक पहुंच जाता है तो बैंक आपको इसकी सूचना देता है. इस तरह अगर आपकी क्रेडिट लिमिट पहुंचने तक आपने बिल पे नहीं किया तो भी बैंक आपको सूचना नहीं देते और छुपे हुए चार्ज वसूल करते रहते हैं.
3. क्रेडिट लिमिट बढ़ाने के झांसे में न आएं
बैंक जब आपको बताते हैं कि आपकी क्रेडिट लिमिट बढ़ाई जा रही है तो अगर बहुत जरूरत हो तो ही आप अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़वाएं वर्ना इसके एवज में भी आपसे सालाना फीस वसूली जा सकता है.
बैंक जब आपको बताते हैं कि आपकी क्रेडिट लिमिट बढ़ाई जा रही है तो अगर बहुत जरूरत हो तो ही आप अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़वाएं वर्ना इसके एवज में भी आपसे सालाना फीस वसूली जा सकता है.
4. अपने रिडीम पॉइंट्स का ख्याल रखें
आपको कई बार पता नहीं होता कि आपके क्रेडिट कार्ड पर किए जा रहे खर्च के लिए आपको बदले में रिडीम पाइंट मिलते हैं. आप क्रेडिट कार्ड पर जितनी शॉपिंग करेंगे उतने ही आपके पॉइंट्स जुड़ जाएंगे. लेकिन बैंक आपको ये नहीं बताता है क्योंकि इसके बदले में बैंक को आपको कैश देना पड़ता है या गिफ्ट वाउचर, शॉपिंग वाउचर या अन्य तरह का डिस्काउंट देना पड़ता है. तो आप अपने रिडीम पॉइंट्स का खुद ख्याल रखें और इन्हें समय-समय पर रिडीम भी कराते रहें. अगर आप इन्हें नहीं रिडीम कराएंगे तो कुछ समय बाद ये एक्सपायर भी हो सकते हैं और आपका मिलने वाला फायदा धरे का धरा रह सकता है. पॉइंट रिडीम करने के लिए अपने बैंक से बात करें और फायदा उठाएं.
आपको कई बार पता नहीं होता कि आपके क्रेडिट कार्ड पर किए जा रहे खर्च के लिए आपको बदले में रिडीम पाइंट मिलते हैं. आप क्रेडिट कार्ड पर जितनी शॉपिंग करेंगे उतने ही आपके पॉइंट्स जुड़ जाएंगे. लेकिन बैंक आपको ये नहीं बताता है क्योंकि इसके बदले में बैंक को आपको कैश देना पड़ता है या गिफ्ट वाउचर, शॉपिंग वाउचर या अन्य तरह का डिस्काउंट देना पड़ता है. तो आप अपने रिडीम पॉइंट्स का खुद ख्याल रखें और इन्हें समय-समय पर रिडीम भी कराते रहें. अगर आप इन्हें नहीं रिडीम कराएंगे तो कुछ समय बाद ये एक्सपायर भी हो सकते हैं और आपका मिलने वाला फायदा धरे का धरा रह सकता है. पॉइंट रिडीम करने के लिए अपने बैंक से बात करें और फायदा उठाएं.
5. कार्ड अपग्रेडेशन के लिए भी होती है छुपी हुई फीस
अगर आप अपना कार्ड अपग्रेड कराते हैं जैसे सिल्वर से गोल्ड या गोल्ड से प्लेटिनम कार्ड में अपग्रेड कराते हैं तो इसके लिए आपको फीस भी देनी पड़ती है. सालाना आपको इसके लिए 500 रुपये से लेकर 700 रुपये तक अदा करने पड़ सकते हैं. लिहाजा जरूरत न होने पर कार्ड को अपग्रेड न कराएं.
अगर आप अपना कार्ड अपग्रेड कराते हैं जैसे सिल्वर से गोल्ड या गोल्ड से प्लेटिनम कार्ड में अपग्रेड कराते हैं तो इसके लिए आपको फीस भी देनी पड़ती है. सालाना आपको इसके लिए 500 रुपये से लेकर 700 रुपये तक अदा करने पड़ सकते हैं. लिहाजा जरूरत न होने पर कार्ड को अपग्रेड न कराएं.