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"बेगूसराय में लोक शिकायत निवारण अधिनियम का आदेश रद्दी की टोकरी का शोभा बढ़ा रहा है"


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बलिया,बेगूसराय(बिहार):

आम नागरिक के समस्या के त्वरित समाधान के लिए माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के द्वारा बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम-2015 कानून को आम नागरिक के हित में पास किया गया था लेकिन वर्तमान में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा पारित आदेश प्रशासनिक दृष्टिगण से सिर्फ कागज़ का शोभा बना हुआ है।

परिवादी दिवाकर वर्धन सिंह जिनका आवासीय जमीन (ग्राम: सदानन्दपुर, अंचल व स०डी०: बलिया, जिला: बेगूसराय) जो 74 वर्ष पूर्व केवाला से प्राप्त है, जिसपर पूर्वज(बाबा) के समय से मकान बना है, शेष जोत का जमीन है, उसी जमीन पर गांव के ही कुछ विपक्षीगण मार्च 2015 से जोत-आबाद में दबंगता व बलपूर्वक बाधा डाल रहे है. इस सम्बंध में स्थानीय थानाध्यक्ष, अंचलाधिकारी, अनुमंडलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक समाहर्ता एवं प्रधान सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्रालय बिहार सरकार को इस समस्या के समाधान के लिए आवेदन देकर 3 वर्ष तक सरकारी दफ्तरों के धूल फांकने के बाद भी समस्या जस की तस बनी रही. थकहार कर परिवादी ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बेगूसराय के यहां परिवाद दायर किया, जिस परिवाद पत्र में सुनवाई के पश्चात दिनांक 22-05-2018 को यह आदेश पारित किया गया कि परिवादी को भूमि जोत-आबाद में मांगे जाने पर संबंधित थानाध्यक्ष बलिया सुरक्षा प्रदान करेंगे एवं अंचलाधिकारी बलिया व अनुमंडलाधिकारी बलिया भूमि के जोत-आबाद में आवेदक को सहयोग करेंगें.

आवेदक द्वारा कई बार आवेदन देकर संबंधित थानाध्यक्ष, अंचलाधिकारी, अनुमंडलाधिकारी से सहयोग की मांग की गयी लेकिन कोई सहयोग नही किया गया. जबकि इस आदेश के पक्ष में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने दो बार जिला अधिकारी बेगूसराय को पूर्व में पारित आदेश के अनुपालन के संबंध में आदेश दिया है लेकिन इससे संबंधित अधिकारी इस आदेश का खुलेआम उल्लंघन कर रहे है, और यहां तक बोल रहे है कि यह आदेश रद्दी के टोकरी का शोभा बढ़ा सकता है न कि आपका सहयोग कर सकता है.

एक तरफ माननीय मुख्यमंत्री जी दूसरी वर्षगाँठ मना के इस तरह के क़ानून को लोकतांत्रिक व्यवस्था में क्रांति का रूप दे रहे है वही दूसरी ओर प्रशासनिक पदाधिकारी पारित आदेश का अनुपालन तो दूर इसपर ध्यान तक नही दे रहे है.
ज्ञात हो कि इस कानून को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सख्त निर्देश है. जिसके मुताबिक इसको लेकर कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. मुख्यमंत्री के लोक संवाद कार्यक्रम में भी इस कानून के प्रावधानों के तहत पदाधिकारियों द्वारा कार्य नहीं किये जाने का मामला आने पर तत्काल कार्रवाई का अादेश सीएम ने दिया है. सरकार द्वारा लोक शिकायत निवारण पदाधिकारियों द्वारा लोगों की शिकायतें दूर करने के जारी आदेश का पालन हो रहा है या नहीं, इसकी समीक्षा हर पंद्रह दिन पर करने का आदेश डीएम को दिया गया है, ताकि अनुपालन सुनिश्चित हो. साथ ही इस मामले में जो लोग कोताही बरतते पाये जायेंगे, उन पर तत्काल कार्रवाई होगी।

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