ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद उम्मीद थी कि टीम इंडिया वनडे सीरीज के पहले मैच में जीत के साथ आगाज करेगी, लेकिन उसे 34 रन से हार का सामना करना पड़ा. जीत के लिए मिला 289 का लक्ष्य बड़ा नहीं था, लेकिन भारत ने शुरुआती 4 ओवर में 3 बड़े विकेट गंवा दिए. इसके बाद रोहित शर्मा के साथ शतकीय साझेदारी करने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने साहसिक पारी खेली, लेकिन उनकी यह पारी इस कदर धीमी रही कि भारत लक्ष्य के करीब भी नहीं पहुंच सका.
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में खेले गए सीरीज के पहले वनडे मुकाबले में 72 दिनों के बाद पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मैदान पर वापसी की और अपने 51 रनों की पारी खेली. करीब ढाई महीने बाद मैदान पर जब वह पहली बार बल्लेबाजी करने उतरे तो स्थिति बेहद संकटपूर्ण थी क्योंकि भारत ने 3.4 ओवर में शिखर धवन (0), कप्तान विराट कोहली (3) और अंबाती रायडू (0) के विकेट गंवा दिए और रोहित शर्मा का साथ देने उन्हें क्रीज पर आना पड़ा. दोनों ने भारत को संकट से बाहर निकालते हुए चौथे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी की और टीम को मैच में बनाए रखा, लेकिन इस दौरान धोनी को रन के लिए संघर्ष करना पड़ा और उनकी पारी बेहद धीमी रही. उन्होंने 51 रन बनाने के लिए 96 गेंद खर्च कर डाले.
शुरुआती 30 गेंदों में बनाए 5 रन
शुरुआती 3 झटकों के बाद धोनी जब क्रीज पर आए तो उन्हें टिकने में काफी समय लगा और शुरुआती 30 गेंदों में वह महज 5 रन ही जोड़ सके. वह शुरुआत जरूर धीमी करते हैं, हालांकि वह जल्द ही लय में आ जाते हैं, लेकिन इस बार उनकी धीमी बल्लेबाजी के पीछे लंबे समय से उनका प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट नहीं खेलना था. 1 नवंबर, 2018 से उन्होंने एक भी मैच नहीं खेला. वह भारत में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली गई टी-20 सीरीज में शामिल नहीं थे. इस दौरान उन्होंने रणजी क्रिकेट में भी नहीं शामिल नहीं. इस कारण सुनील गावस्कर ने बड़े खिलाड़ियों के रणजी से दूर रहने की आलोचना भी की थी.
मैदान और अभ्यास से दूर रहने के कारण उन्हें बल्लेबाज में लय में आने में समय लग गया. 36 गेंदों में 6 रन बनाने के बाद उन्होंने एक छक्का जरूर जड़ा, लेकिन भारत पर दबाव बढ़ता ही चला गया. दूसरी ओर रोहित भी शुरुआत में स्लो रहे लेकिन बाद में वह लय में आ गए और अपने स्तर पर स्कोरबोर्ड चलाते रहे. दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए137 रनों की साझेदारी हुई, लेकिन इसके लिए दोनों ने 171 गेंद खर्च कर डाले जो बाद में टीम इंडिया पर भारी पड़ गया. इस साझेदारी में धोनी के 51 रन (96 गेंद) के अलावा रोहित के 75 रनों का योगदान रहा जिसके लिए उन्होंने 76 गेंदों का सामना किया. रोहित ने बाद में शतक भी लगाया. उन्होंने 129 गेंदों में 10 चौके और 6 छक्के के साथ 133 रन बनाए. जबकि धोनी ने 96 गेंदों में 3 चौके और 1 छक्के की मदद से 51 रनों की पारी खेली.
पहले भी खेल चुके हैं धीमी पारी
हालांकि धोनी 33वें ओवर में पगबाधा हो गए लेकिन इसके बाद बढ़े रन रेट के हिसाब से बल्लेबाज रन नहीं बना सके और 50 ओवर में टीम 254 रन पर ही सिमट गई. धोनी पहले भी कई बार धीमी पारी खेलने के लिए प्रशंसकों की आलोचना का सामना कर चुके हैं. उनके नाम वनडे में भारत की ओर से दूसरी सबसे धीमी अर्धशतकीय पारी खेलने का रिकॉर्ड भी दर्ज है. 2017 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने 108 गेंदों में 58 रन बनाए जिस कारण भारत वह मैच 11 रन से हार गया था.
रोहित और धोनी की स्लो पारी की सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है, खासकर धोनी की.
हालांकि मैदान पर धोनी की वापसी शानदार रही और उन्होंने दिसंबर, 2017 के बाद वनडे में अपनी कोई पहली फिफ्टी भी लगाई. इस अर्धशतकीय पारी के दौरान उन्होंने वनडे क्रिकेट में 10 हजार रन भी पूरे कर लिए. वह इस आंकड़े को छूने वाले 5वें भारतीय बल्लेबाज बने. हालांकि उनकी यह पारी बेहद धीमी रही और भारत को मैच में हार का सामना करना पड़ा.
गलत फैसले से धोनी के आउट होने से फायदा
मैच के हीरो रहे झाय रिचर्डसन मैच के बाद कहा कि ऑस्ट्रेलिया भाग्यशाली रहा जो इस मैच में उसे एक गलत फैसले के कारण महेंद्र सिंह धोनी का विकेट मिल गया. जैसन बेहरनडॉर्फ की गेंद पर 33वें ओवर में धोनी को पगबाधा आउट दे दिया गया था जबकि टीवी रीप्ले से लग रहा था कि गेंद ने लेग स्टंप के बाहर टप्पा खाया था. धोनी डीआरएस नहीं ले सकते थे क्योंकि अंबाती रायडू पहले ही इसे गंवा चुके थे. धोनी के आउट होने से उनकी रोहित शर्मा के साथ 141 रन की साझेदारी टूट गई. हालांकि कोहली ने धोनी के विकेट को मैच का टर्निंग प्वाइंट बताया.
रिचर्डसन ने कहा, 'एक दौर ऐसा था जब वे अच्छी साझेदारी निभा रहे थे और इससे मैच हमारे हाथ से निकलता जा रहा था, लेकिन हम भाग्यशाली रहे जो धोनी को पगबाधा आउट करने में सफल रहे। इसके बाद हमने लगातार विकेट हासिल किए.' रिचर्डसन ने 26 रन देकर चार विकेट लिए जो उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. उन्होंने रोहित शर्मा के प्रदर्शन की तारीफ की जिनकी शतकीय पारी भारत के काम नहीं आई. उन्होंने कहा, 'रोहित ने वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की. उन्हें पूरा श्रेय जाता है और उसने परिस्थितियों से अच्छी तरह सामंजस्य बिठाया. उन्होंने संयम के साथ बल्लेबाजी और खाली स्थानों का अच्छा उपयोग किया.'