जम्मू-कश्मीर में सर्दी और गर्मी के साथ राजधानी तो अब भी बदलेगी, लेकिन यह पहले की तरह खर्चीला और बोझिल नहीं रह जाएगा। अब ना तो लाखों फाइलों को जम्मू से श्रीनगर और श्रीनगर से जम्मू ले जाने की जरूरत होगी और ना ही इनके रखरखाव की कोई टेंशन रह जाएगी। दरअसल, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 3.50 लाख फाइलों के 2 करोड़ से अधिक पन्नों को डिजिटाइज करके 'ई-ऑफिस' प्रॉजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
इस साल जून में जब राजधानी श्रीनगर मूव हुई तो शीतकालीन राजधानी जम्मू से सैकड़ों ट्रकों का काफिल नहीं निकला, बल्कि सारा तामझाम केवल 10 ट्रकों में समा गया। जबकि पहले दरबार मूव में करीब 200 ट्रकों का काफिला निकलता था। लाखों फाइलों को हर 6 महीने बाद जम्मू से श्रीनगर और फिर श्रीनगर से जम्मू लाना पड़ता था।